उत्तर प्रदेश पुलिस ने NyaySanhita.in नामक AI-सहायता प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च किया है, जिसमें महिलाएं हिंदी या अंग्रेजी में घटनाएँ विवरण के रूप में दर्ज कर सकती हैं और तुरंत कानूनी मार्गदर्शन प्राप्त कर सकती हैं। यह प्लेटफ़ॉर्म संबंधित कानूनों (IPC, CrPC आदि) को नए कोड्स से मैप करता है।
क्या है NyaySanhita.in?
NyaySanhita.in उत्तर प्रदेश पुलिस की एक नई AI-सहायता प्लेटफ़ॉर्म है, जिसे Mission Shakti अभियान के तहत लॉन्च किया गया है। इसका उद्देश्य खासकर महिलाओं को कानूनी जानकारी और सहायता देना है ताकि वे अपने अधिकार समझ सकें और न्याय के लिए सही कदम उठा सकें।
क्या कुछ कर पाता है यह प्लेटफ़ॉर्म
- यूज़र्स (मुख्यत: महिलाएँ) हिंदी या अंग्रेज़ी में किसी घटना का विवरण दर्ज कर सकते हैं — जैसे किस तरह की घटना हुई, कहां हुई, आदि।
- ये AI सिस्टम तुरंत सुझाएगा कि क्या-क्या कानूनी धारा (legal section) लागू हो सकती है।
- साथ ही, पुराने IPC (Indian Penal Code) और CrPC (Code of Criminal Procedure) की धाराओं को नए कोडों — जैसे BNS, BNSS, और BSA — से मैच करता है क्योंकि UP में 1 जुलाई 2024 से नए कानून लागू हुए हैं।
- इसका मकसद है कि कानूनी कार्रवाई करते समय अक्सर होने वाली गलत धारणाएँ कम हों, पुलिस और वकीलों को सही संदर्भ मिले, और नागरिकों को न्याय की प्रक्रिया समझने में मदद मिले।
खास बातें / लाभ
- सुलभता: महिलाएँ अपने भाषा में आसान तरीके से घटना बता सकती हैं। टेक्नोलॉजी की पिछड़ी ज़रूरत नहीं।
- तेजी: अक्सर पुलिस या अदालत में सही धारा लगाने में समय लगता है और गलती होती है — AI इस प्रक्रिया को तेज और स्पष्ट बनाने में मदद करेगा।
- न्याय में पारदर्शिता: लोग जानेंगे कि कौन सी धारा किन मामलों में लागू होती है, यह जानने में सक्षम होंगे।
- कानूनी साक्षरता बढ़ाना: यह प्लेटफ़ॉर्म लोगों को उनके अधिकारों से अवगत कराएगा। जो लोग कानूनी भाषा नहीं जानते, उनके लिए खास-कर उपयोगी है।
संभावित चुनौतियाँ / मुद्दे
- AI की सीमाएँ: घटना का विवरण पूरी तरह सटीक न हो तो AI गलत सुझाव दे सकता है।
- भरोसा और स्वीकार्यता: लोग सरकारी प्लेटफॉर्म या AI सुझावों पर पूरी तरह भरोसा न करें — अक्सर कानूनी सलाह लेने के लिए वकील से मिलना ज़रूरी होगा।
- डेटा प्राइवेसी: यदि उपयोगकर्ता का डेटा सुरक्षित न हो, तो निजी जानकारी का गलत उपयोग हो सकता है।
- भाषा व विवरण की मुश्क़िलें: उपयोगकर्ता का बयान अधूरा हो, मामले की बारीकियाँ छोड़ दी जाएँ, तो सुझाव कम सटीक होंगे।
- आवेदन + पहुंच: इंटरनेट / स्मार्टफ़ोन नहीं रखने वालों तक पहुँच, जागरूकता की कमी हो सकती है।
प्रभाव और भविष्य
- यह प्लेटफ़ॉर्म 1 जुलाई 2024 से लागू हुए नए कानूनी कोडों (BNS, BNSS, BSA) के साथ अपडेट है।
- यह Mission Shakti की एक अफसर पहल है महिलाओं की सुरक्षा और न्याय प्रणाली को ज़्यादा असरदार बनाने की।
- आगे सम्भवत: इस तरह के प्लेटफ़ार्म और ज़्यादा क्षेत्रों में, और कानूनी सेवाओं के अन्य हिस्सों में भी विकसित हो सकते हैं — जैसे कि शिकायत दर्ज करना, फॉलो-अप, आदि।